PM Fasal Bima Yojana: इस दिन आएगा 12000 करोड़ का भुगतान, किसानों के चेहरे खिले खुशी से

Published On: August 15, 2025
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है, जो उन्हें फसल नुकसान की स्थिति में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। खेती में प्राकृतिक आपदाओं और विभिन्न जोखिमों के कारण फसल का भारी नुकसान हो सकता है, जिससे किसान आर्थिक रूप से कमजोर हो जाते हैं। इस योजना के माध्यम से सरकार किसानों को फसल के नुकसानों का मुआवजा दे कर उनकी आर्थिक सहारा बनती है ताकि वे खेती जारी रख सकें और उनके परिवार का जीवन प्रभावित न हो।

What is PM Fasal Bima Yojana?

हाल ही में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना फसल के 2024-25 सत्र के लिए बीमा क्लेम राशि जारी की गई है। देशभर में 35 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में करीब ₹3,900 करोड़ का बीमा दावा सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से ट्रांसफर किया गया है। यह राशि किसानों को उनकी फसल में हुए नुकसान के अनुसार दी जाती है। उदाहरण के लिए, राजस्थान के झुंझुनू में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मुआवजे के वितरण का शुभारंभ किया। इसमें राजस्थान के 27 लाख किसानों को ₹1,200 करोड़ से अधिक का भुगतान भी शामिल है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार किसानों की आर्थिक सुरक्षा के लिए गंभीर प्रयास कर रही है और फसल बीमा का पैसा सीधे किसानों के खातों में समय पर पहुंचाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक लोकप्रिय कृषि बीमा योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाएं जैसे सूखा, बाढ़, तूफान, कीट एवं रोग आदि से फसल के नुकसान के समय आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इससे किसान फसल की हानि से पूरी तरह टूटते नहीं हैं और उन्हें मुआवजा मिलेगा जिससे वे फिर से खेती कर सकेंगे।

यह योजना सभी प्रकार की किसानों के लिए है, चाहे वे लोन लेने वाले हों या नॉन-लोन लेने वाले, बागवानी, अनाज, तिलहन, वाणिज्यिक फसलों के लिए भी यह योजना उपलब्ध है। किसान अपनी फसल की बीमा करवा कर नुकसान की स्थिति में सरकार से मदद प्राप्त कर सकते हैं।

इस योजना का लाभ और राशि कितनी मिलेगी?

फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा उनकी फसल की बीमा राशि और नुकसान के आधार पर दिया जाता है। इस बार वर्ष 2024-25 के रबी सत्र के लिए ₹3,900 करोड़ का मुआवजा जारी किया गया है। मुआवजा राशि किसानों की फसल, उनके नुकसान के प्रतिशत और बीमा प्रीमियम पर निर्भर करता है।

किसानों को खरीफ की फसलों के लिए प्रीमियम 2% और रबी फसलों के लिए 1.5% देना होता है। वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए प्रीमियम 5% है। बाकी के प्रीमियम की राशि सरकार द्वारा दी जाती है जिससे यह योजना किसानों के लिए किफायती बनी रहती है।

योजना के लिए कैसे करें आवेदन?

किसान स्थानीय कृषि विभाग, कॉमन सर्विस सेंटर या ऑनलाइन पीएम फसल बीमा योजना पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज चाहिए जैसे कि आधार कार्ड, जमीन के स्वामित्व का प्रमाण, बैंक खाता विवरण, और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) आदि।

आवेदन की अंतिम तिथि आमतौर पर किसानों की फसल बुवाई के समय के आसपास तय होती है, जैसे हाल ही में खरीफ फसलों के लिए अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 थी। किसान समय रहते आवेदन कर योजना का लाभ उठा सकते हैं। नुकसान होने पर वे 72 घंटे के भीतर दावा फाइल कर सकते हैं, जो कि जिला स्तर की समिति से जांच के बाद मंजूर होता है।

योजना से जुड़ी प्रमुख बातें

  • यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, रोग, और कीटों से फसल नुकसान की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है।
  • बीमा राशि किसानों के बैंक खाते में सीधे डीबीटी के माध्यम से भेजी जाती है।
  • सभी प्रकार के किसानों और फसलों के लिए यह योजना उपलब्ध है।
  • सरकार किसानों को बीमा प्रीमियम का बड़ा हिस्सा सब्सिडी के रूप में देती है।
  • योजना में आवेदन करना सरल है और ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से किया जा सकता है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए एक मजबूत सहारा है, जो उन्हें फसल के नुकसान की स्थिति में आर्थिक नुकसान से बचाती है। इस योजना के तहत बीमा राशि समय पर किसानों के खातों में आने से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और उनका जीवन बेहतर बनता है। किसानों को चाहिए कि वे तय समय सीमा के अंदर इस योजना में आवेदन करें और अपने लाभ को सुनिश्चित करें। यह योजना भारत के कृषि क्षेत्र में स्थिरता और विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

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