Agriculture Equipment Subsidy: खेती के औजारों पर 50% छूट, किसानों के लिए सुनहरा मौका

Published On: August 15, 2025
Agriculture Equipment Subsidy

आज के समय में खेती को आधुनिकताओं से जोड़ना बेहद जरूरी हो गया है। तकनीकी उपकरणों के इस्तेमाल से किसान अपनी मेहनत कम कर सकते हैं और उत्पादन बढ़ा सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार और राज्य सरकारें किसानों को खेती में उपयोग होने वाले कृषि यंत्रों और उपकरणों की खरीद पर बहुत बड़ी सब्सिडी दे रही हैं।

इस योजना के तहत किसानों को 50% तक की छूट मिलती है जिससे वे आसानी से महंगे कृषि यंत्र खरीद सकते हैं और खेती के कई काम आसान कर सकते हैं। यह योजना किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने और खेती को ज्यादा लाभकारी व तकनीकी रूप से सक्षम बनाने हेतु शुरू की गई है। सरकार की इस योजना का उद्देश्य छोटे, सीमांत और अन्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक से जोड़ना है ताकि वे अपने खेतों में उत्पादन को बेहतर बना सकें।

खेती में जिन उपकरणों की जरूरत होती है, जैसे ट्रैक्टर, कल्टीवेटर, थ्रेशर, ड्रोन, पंप सेट, आदि, इन सभी पर इस सब्सिडी का लाभ मिलता है। सब्सिडी का बड़ा फायदा यह होता है कि किसान महंगे उपकरणों की कीमत का आधा हिस्सा सरकार से सुविधा के तौर पर पाते हैं और उसे कम कीमत में खरीद सकते हैं। इससे किसानों का खर्च कम होता है और खेती में समय व श्रम की बचत होती है।

Agriculture Equipment Subsidy Scheme: Full Details

यह योजना भारत सरकार के कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही “कृषि यंत्र सब्सिडी योजना” (Agriculture Equipment Subsidy Scheme) के तहत आती है। इस योजना में सरकार किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर 40% से 50% तक की छूट प्रदान करती है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला किसान, छोटे और सीमांत किसानों को अधिकतम 50% की सब्सिडी मिलती है जबकि सामान्य वर्ग के किसानों को 40% तक की छूट दी जाती है।

यह योजना मुख्य रूप से किसानों को खेती के लिए जरूरी यंत्र खरीदने में मदद करती है ताकि वे अपनी खेती को आधुनिक तकनीक से लैस करके उत्पादन बढ़ा सकें। इस योजना के तहत ट्रैक्टर, स्प्रेयर, बिजाई मशीन, रोटावेटर, कल्टीवेटर, पंप सेट, ड्रोन और थ्रेशर जैसे यंत्र शामिल हैं जिन्होंने खेती को आसान व कुशल बनाया है। कई राज्यों में किसानों को ड्रोन खरीदने पर भी 50% तक की सब्सिडी मिल रही है जो फसल की निगरानी और कीटनाशक छिड़काव के लिए उपयोग में आते हैं।

योजना के फायदे:

  • किसानों को आधुनिक मशीनें कम कीमत पर उपलब्ध होती हैं।
  • खेती में समय व मेहनत की बचत होती है।
  • फसलों का उत्पादन बेहतर और गुणवत्ता में सुधार होता है।
  • आर्थिक बोझ कम होने के कारण किसान अधिक कृषि यंत्र खरीद सकते हैं।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि विभाग या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। राज्य सरकारों ने इसके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म भी बनाए हैं जिससे आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। कई राज्यों में यह योजना पहले आओ पहले पाओ के आधार पर काम करती है, मतलब जो किसान पहले आवेदन करेगा, उसे पहले सब्सिडी मिलेगी।

कृषि यंत्रों पर मिलने वाली सब्सिडी की एक और खास बात यह है कि एक किसान तीन वर्षों में केवल एक ही कृषि यंत्र के लिए इस योजना का फायदा उठा सकता है। लेकिन यदि किसान समूह या कृषि उत्पादन संगठन हैं तो उन पर अलग नियम लागू होते हैं। इसके अलावा, किसानों को आवेदन के लिए आधार कार्ड, जमीन का प्रमाण पत्र, बैंक खाते की जानकारी और उपकरण खरीद कीली कोटेशन जैसे दस्तावेज देने होते हैं।

सरकार ने इस योजना के जरिए न केवल किसानों के लिए खेती को आसान बनाया है, बल्कि यह किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी एक बड़ा कदम है। खेती में नई तकनीकों को अपनाकर किसान अपनी उपज बढ़ा सकते हैं जो उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करेगा। इसके अलावा, पर्यावरण संरक्षण, आर्थिक स्थिरता और ग्रामीण विकास में यह योजना सहायक सिद्ध हो रही है।

इस योजना के तहत कई राज्यों में किसानों को 50% तक की छूट के साथ कृषि ड्रोन, पंप सेट, ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर, बीज बोने की मशीन जैसे कई उपकरण खरीदने की सुविधा मिली है। किसानों को यह छूट सीधे उनके बैंक खाते में जमा की जाती है जिससे लेनदेन में पारदर्शिता बनी रहती है। इसके अलावा, टोकन मनी और आवेदन फॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध है।

आवेदन की प्रक्रिया

सब्सिडी पाने के लिए किसान को संबंधित राज्य या केंद्र सरकार के कृषि विभाग की वेबसाइट पर या नजदीकी कृषि कार्यालय में आवेदन करना होता है। अधिकांश राज्यों में यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी होती है। आवेदन के समय किसान को अपने आधार कार्ड, खसरा खतौनी, बैंक पासबुक, और कृषि यंत्र की खरीद की कोटेशन जमा करनी होती है। इसके बाद अधिकारियों द्वारा आवेदन का सत्यापन किया जाता है। सब्सिडी मंजूर होने पर किसान को राशि सीधे जमा कर दी जाती है।

सरकार की इस योजना का उद्देश्य है कि हर किसान तक आधुनिक कृषि उपकरण पहुंचें ताकि उनकी खेती सशक्त और लाभकारी हो सके। इससे किसानों को महंगी मशीनों की जरूरत पूरी करने में आर्थिक मदद मिलती है और वे आधुनिक तकनीक का उपयोग करके खेती को ज्यादा आर्थिक और कौशल प्रधान बना पाते हैं।

निष्कर्ष

संक्षेप में, खेती की जरूरी उपकरणों पर सरकार द्वारा दी जाने वाली 50% छूट योजना किसानों की आर्थिक सहायता और कृषि तकनीकी विकास का एक महत्वपूर्ण साधन है। इससे किसानों की उपज बढ़ती है, मेहनत कम होती है और उनकी आय में सुधार होता है।

सरकार की यह पहल किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है और आने वाले वर्षों में इससे खेती और भी उन्नत एवं संयुक्त रूप से लाभकारी बनेगी। सब्सिडी योजना किसानों के सपनों को साकार करने में मदद कर रही है और भारत के कृषि क्षेत्र को नई ऊचाइयों पर ले जा रही है।

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