Bihar Land Registry Update: नया नियम लागू, अब अधिकारी खुद करेंगे आपकी जमीन रजिस्ट्री

Published On: August 15, 2025
Bihar Land Registry Update

बिहार में 16 अगस्त 2025 से जमीन रजिस्ट्री के नए नियम लागू हो गए हैं, जो राज्य के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आए हैं। इस बदलाव के तहत अब जमीन संबंधी सभी जानकारी और रजिस्ट्री का काम तेजी से, पारदर्शी तरीके से और अधिक डिजिटल माध्यमों से होगा। सरकार ने यह कदम भू-माफियाओं की गतिविधियों पर नकेल कसने और जमीनी विवादों को कम करने के उद्देश्य से उठाया है।

इस नए नियम के अनुसार अधिकारी घर-घर जाकर जमीन के नामांतरण और मालिकाना हक की जांच करेंगे और जरूरत पड़ने पर सीधे लोगों की जमीन उनके नाम पर कर देंगे। यह पहल बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से जमीन से जुड़ी सेवाओं को और सरल तथा सुलभ बनाने के लिए शुरू की गई है। इस एक्टिविटी के अंतर्गत राजस्व महा-अभियान नाम से पूरे बिहार में 16 अगस्त से लेकर 20 सितंबर 2025 तक विशेष अभियान चलाया जाएगा।

इस अभियान में डिजिटाइज्ड जमाबंदियों में त्रुटियों को सुधारा जाएगा, छूटी हुई जमाबंदियों को ऑनलाइन किया जाएगा, उत्तराधिकार नामांतरण तथा संयुक्त संपत्तियों के बंटवारे के लिए आवेदन लिए जाएंगे। इसके साथ ही जमीन के मालिकाना हक को सही दस्तावेजों के आधार पर सुचारु रूप से अपडेट किया जाएगा ताकि नागरिकों को अपने जमीन की सही जानकारी मिल सके। अभियान के दौरान अधिकारी और कर्मचारी घर-घर जाकर जमाबंदी की प्रति और आवेदन प्रपत्र वितरित करेंगे तथा शिविरों के माध्यम से फाइलिंग करवाई जाएगी।

What are New Bihar Land Registry Rules?

1 जुलाई 2025 से बिहार में जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया में चार मुक्कमल नए नियम लागू किए गए हैं। इसमें सबसे पहला और अहम नियम है आधार बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन को अनिवार्य करना। अब जमीन की रजिस्ट्री फिंगरप्रिंट और रेटिना स्कैन के माध्यम से की जाएगी, जिससे नकली पहचान या फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी।

दूसरा, जमीन से जुड़े सभी दस्तावेजों को डिजिटल रूप में सरकारी पोर्टल पर अपलोड करना होगा, ताकि कागजी गलतियों और धोखाधड़ी को रोका जा सके। तीसरा नियम यह है कि रजिस्ट्री फीस और सभी संबंधित भुगतान ऑनलाइन किए जाएंगे और उसकी डिजिटल रसीद विभाग के पास सुरक्षित रहेगी। इससे नकदी लेनदेन बंद होगा और पारदर्शिता बढ़ेगी। चौथा और अंतिम नियम है कि रजिस्ट्री पूरी होते ही जमीन मालिक को उसकी डिजिटल कॉपी तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी, जिसे वे कभी भी डाउनलोड कर सकते हैं।

इस नए नियम का लाभ और उद्देश्य

यह बदलाव खास तौर पर बिहार में जमीन के सौदों में हो रहे घोटालों और भू-माफियाओं के खिलाफ बड़ी पहल है। इससे लोगों को जमीन के मालिकाना हक की सही जानकारी मिलेगी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए किसी की जमीन सक्रीय नहीं हो सकेगी। नई प्रक्रिया से रजिस्ट्री के समय लगने वाली देरी भी कम होगी और घर बैठे ही ऑनलाइन आवेदन करने का विकल्प मिलेगा।

सरकार ने जमीन के मालिकाना हकों को सशक्त बनाने के लिए ₹100 की नामांतरण योजना भी शुरू की है, जिसमें परिवार के सदस्यों के बीच जमीन के गिफ्ट डीड के रजिस्ट्रेशन पर केवल ₹100 शुल्क लगेगा। यह योजना गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए डिज़ाइन की गई है ताकि वे आसानी से अपने जमीन का कानूनी दस्तावेज बना सकें।

आवेदन प्रक्रिया और घर-घर सेवा

राजस्व महा-अभियान के तहत अधिकारी गांव-गांव जाकर लोगों के घर पहुंचेंगे और जमीन के दस्तावेजों का सत्यापन करेंगे। वह लोगों को आवेदन फार्म भी वितरित करेंगे और आवश्यक मदद प्रदान करेंगे। आवेदन करने के लिए आवेदक को आधार कार्ड, जमीन के दस्तावेज, पहचान पत्र और कुछ अन्य कागजात तैयार रखने होंगे। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और डिजिटल है, जिससे लोगों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

इस अभियान का उद्देश्य जमीन के मालिकाना हक और रजिस्ट्री में सुधार कर विवादों को घटीत करना और ग्रामीण-शहरी दोनों क्षेत्रों में नागरिकों को बेहतर सेवा उपलब्ध कराना है।

निष्कर्ष

बिहार में 16 अगस्त 2025 से लागू यह नया जमीन रजिस्ट्री नियम लोगों के लिए बेहद उपयोगी और पारदर्शी होगा। इससे न केवल जमीन की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी कम होगी, बल्कि लोगों को अपने अधिकारों की सही जानकारी और संरक्षण भी मिलेगा। घर-घर जाकर अधिकारियों द्वारा मदद मिलने से जनता को सरकारी सेवाएं आसानी से मिलेगी और बिहार की जमीन संबंधी व्यवस्था और मजबूत होगी। यह सरकार की एक बड़ी पहल है जो जमीन से जुड़े पुराने विवादों को खत्म करने में कामयाब होगी।

Leave a comment

Join Whatsapp