सहारा इंडिया निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी है कि सरकार ने सहारा इंडिया रिफंड योजना के तहत ₹7,000 से ₹50,000 तक की राशि लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह योजना उन लोगों के लिए है जिन्होंने सहारा ग्रुप की चार खास सहकारी समितियों में निवेश किया था और अब तक उनका पैसा फंसा हुआ था। इस योजना का मकसद उन निवेशकों को उनका पैसा वापस लौटाना है जो वर्षों से अपने निवेश के लिए इंतजार कर रहे थे।
सप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार और सेबी (SEBI) ने मिलकर इस मामले को तेजी से निपटाने की ठानी है। इसके लिए एक विशेष रिफंड पोर्टल लॉन्च किया गया है, जिससे निवेशक अपने पैसे की वापसी के लिए आवेदन कर सकते हैं और इसका पूरा ट्रैक रख सकते हैं। इस योजना के तहत ₹7,000 से ₹50,000 तक की राशि सीधे निवेशकों के आधार से जुड़े बैंक खाते में डिजिटल माध्यम से ट्रांसफर की जा रही है।
यह प्रक्रिया पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ पूरी हो रही है ताकि सही लोग ही इस लाभ का हिस्सा बनें।
What is Sahara India Refund?
सहारा इंडिया रिफंड 2025 एक सरकारी योजना है जो उन निवेशकों के लिए है जिन्होंने सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, और स्टार मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में निवेश किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, सरकार ने इस योजना को 2023 में शुरू किया और अब 2025 में भी इसका कार्य जारी है।
सरकार ने इस योजना में ₹5,000 करोड़ की राशि आवंटित की है, जिसमें से कई निवेशकों को पैसा वापस किया जा चुका है और बाकी की राशि शीघ्र वितरित की जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन असली निवेशकों को उनका निवेश वापस देना है जिन्होंने वैध दस्तावेजों के साथ इन चार समितियों में पैसा लगाया था।
रिफंड राशि का भुगतान सीधे उनके आधार कार्ड से लिंक बैंक खातों में किया जाता है, जिससे भुगतान प्रक्रिया तेज और सुरक्षित हो जाती है। योजना के तहत ₹7,000 से ₹50,000 तक की राशि निवेशकों को दी जा रही है। यह राशि निवेश की गई कुल राशि, जमा समय और दस्तावेजों की वैधता के आधार पर निर्धारित होती है।
कौन उन्हें रिफंड के लिए पात्र बनाता है?
रिफंड केवल उन्हीं निवेशकों को दिया जाता है जो उपरोक्त चार सहकारी समितियों में अपने दस्तावेज सही तरीके से जमा कर चुके हैं। साथ ही उनका खाता अवधि पूरा होना जरूरी है। पात्र निवेशकों की सूची समय-समय पर आधिकारिक पोर्टल पर अपडेट की जाती है, जिससे निवेशक अपना नाम और क्लेम स्टेटस देख सकते हैं।
यह योजनाबद्ध रिफंड प्रक्रिया सरकार, सेबी और सहारा की निगरानी में पूरी पारदर्शिता से हो रही है। केवल वे निवेशक जिनके पास सही और मान्य दस्तावेज हैं, वे ही इस योजना का लाभ उठा पाएंगे।
कैसे करें सहारा इंडिया रिफंड के लिए आवेदन?
सहारा इंडिया रिफंड की राशि पाने के लिए आवेदन की प्रक्रिया सरल और ऑनलाइन है। सबसे पहले, निवेशक को सरकारी सहारा रिफंड पोर्टल पर जाना होता है और “Depositor Registration” से अपना आधार कार्ड नंबर, नाम, और अन्य जरूरी जानकारी भरनी होती है। इसके बाद मोबाइल पर आए OTP के जरिए आधार नंबर को वेरीफाई करना होता है।
उसके बाद बैंक अकाउंट विवरण जो आधार से लिंक है, वह अपने आप दिख जाता है, जिसमें निवेशक को अगले चरण के लिए आगे बढ़ना होता है। फिर निवेश से संबंधित रसीद, पासबुक या जमा के अन्य प्रूफ दस्तावेज अपलोड करने होते हैं।
डेटा सही ढंग से भरने के बाद, निवेशक “Add Claim” पर क्लिक कर फॉर्म को जनरेट कर सकते हैं। इस फॉर्म को डाउनलोड कर फोटो और हस्ताक्षर करके फिर से पोर्टल पर अपलोड करना आवश्यक है। आवेदन जमा करने के बाद निवेशक को एक रसीद (Acknowledgment Number) मिलेगी, जिसे संभाल कर रखना जरूरी होता है।
सही और पूर्ण दस्तावेज जमा होने के बाद, लगभग 45-60 दिन के भीतर राशि सीधे बैंक खाते में भेज दी जाती है। इसके लिए यह जरूरी है कि सभी जानकारी सही हों, अन्यथा आवेदन रिजेक्ट भी हो सकता है।
सरकार और अन्य एजेंसियों की भूमिका
सरकार ने इस योजना को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए सेबी तथा मंत्रालय की साथ मिलकर एक विशेष टास्क फोर्स बनाया है। यह टास्क फोर्स फंसे हुए निवेशकों की सूची की जांच करता है और फंड का वितरण Aadhaar-आधारित बैंक खातों में सीधे करता है।
इस योजना के तहत अब तक लाखों निवेशकों को करोड़ों रुपये भुगतान किए जा चुके हैं और प्रक्रिया अभी भी चालू है ताकि बाकी निवेशकों को भी जल्द से जल्द उनका पैसा मिल सके। सरकार ने 31 दिसंबर 2025 तक आवेदन प्रक्रिया को खुला रखा है और निवेशकों से अनुरोध किया है कि वे जल्द से जल्द आवेदन करें।
निष्कर्ष
सहारा इंडिया रिफंड 2025 योजना उन निवेशकों के लिए एक बड़ी राहत और उम्मीद की किरण है जिन्होंने लंबा इंतजार किया है। यह योजना पूरी तरह कानून और पारदर्शिता के साथ संचालित हो रही है। निवेशक को चाहिए कि वे ठीक से आवेदन करें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें ताकि वे अपनी राशि जल्दी प्राप्त कर सकें। इस प्रक्रिया से सरकार ने फंसे हुए निवेशकों को न्यायपूर्ण और शीघ्र धनवापसी का भरोसा दिया है।