भारत में एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) गैस सिलेंडर के दामों में हाल ही में बड़ी गिरावट देखी गई है। खासकर 19 किलो के कमर्शियल (व्यावसायिक) सिलेंडर की कीमतों में अगस्त 2025 से Rs. 33.5 से लेकर Rs. 34.5 तक कटौती हुई है। यह कटौती देश के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में लागू हुई है।
हालांकि घरेलू उपयोग वाले 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर की कीमतें अप्रैल 2025 में हुई वृद्धि के बाद अब तक स्थिर बनी हुई हैं। इस लेख में हम इस कीमत गिरावट के कारण, सरकार की नई योजनाओं और एलपीजी गैस सिलेंडर की वर्तमान कीमतों के बारे में विस्तार से जानेंगे। एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में यह परिवर्तन मुख्य रूप से सरकार द्वारा लागू की गई नीतियों और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजार में आए बदलावों का परिणाम है।
वैश्विक कच्चे तेल की कीमत में गिरावट और मुद्रा विनिमय दर में स्थिरता ने तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को सिलेंडर की कीमतें कम करने में मदद की है। साथ ही, सरकार ने गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत देने के लिए सब्सिडी योजनाओं के तहत भी कई कदम उठाए हैं। इस कारण घरेलू सिलेंडरों का दाम अभी नहीं बदला जबकि व्यावसायिक सिलेंडरों की कीमतों में गिरावट आई है।
LPG Cylinder Price: Latest Update
अगस्त 2025 से 19 किलो वजनी कमर्शियल एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में लगभग Rs. 33.5 से Rs. 34.5 प्रति सिलेंडर की कमी आई है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में इसका नया रेट Rs. 1,631.50 के आसपास है, जो पहले Rs. 1,665 था। कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में भी कीमत में इसी तरह का गिरावट दर्ज की गई है। जबकि घरेलू 14.2 किलो सिलेंडर की कीमतें स्थिर हैं और दिल्ली में ₹853, कोलकाता में ₹879, मुंबई में ₹852.50 और चेन्नई में ₹868.50 पर बनी हुई हैं।
कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में यह कमी छोटे व्यवसायों जैसे रेस्तरां, होटल, और खाद्य विक्रेताओं के लिए खास राहत लेकर आई है क्योंकि ये वर्ग रोजमर्रा के कामों के लिए ज्यादा तर कमर्शियल सिलेंडर पर निर्भर रहते हैं। दूसरी ओर, घरेलू उपभोक्ताओं को घरेलू सिलेंडरों की कीमतों में अभी कोई राहत नहीं मिली है क्योंकि इनकी कीमतों को संरक्षित रखा गया है।
सरकार की LPG सब्सिडी योजना और लाभ
भारत सरकार ने 2016 में प्रधन मंत्री उज्जवला योजना (PMUY) लॉन्च की थी, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को बिना कोई डिपॉजिट दिए एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना है। इससे लाखों महिलाओं को साफ और सुरक्षित खाना पकाने के लिए गैस सिलेंडर की सुविधा मिली है। 2025 में सरकार ने इस योजना के तहत सब्सिडी को बढ़ाते हुए सभी पात्र लाभार्थियों को प्रति सिलेंडर ₹300 की सब्सिडी देने का फैसला किया है। यह सब्सिडी प्रति वर्ष 9 रिफिल तक उपलब्ध कराई जाती है, जो 5 किलो और 14.2 किलो सिलेंडरों पर समानुपातिक रूप से लागू होती है।
सरकार ने इस सब्सिडी योजना के लिए 2025-26 वित्तीय वर्ष में कुल ₹12,000 करोड़ का बजट मंजूर किया है। यह योजना न केवल गरीब परिवारों को आर्थिक राहत देती है, बल्कि एलपीजी की खपत को भी बढ़ावा देती है और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करती है। इससे तेल विपणन कंपनियों को भी अनियमित अंतरराष्ट्रीय मूल्य वृद्धि से होने वाले नुकसान की भरपाई में मदद मिलती है। 2025 के मध्य तक देश में 10.33 करोड़ PMUY कनेक्शन वितरित हो चुके हैं।
क्यों घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत बदल रही नहीं?
घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत देश की अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कीमतों, वैश्विक कच्चे तेल के भाव, मुद्रा विनिमय दर, टैक्स संरचना और उत्पादन-ट्रांसपोर्ट से जुड़ी कई चीज़ों पर निर्भर करती है। अप्रैल 2025 में घरेलू सिलेंडर के दामों में ₹50 की बढ़ोतरी हुई थी, इसके बाद घरेलू सिलेंडर की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।
सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय बाजार की उतार-चढ़ाव से प्रभावित होने से बचाने के लिए घरेलू सिलेंडर पर दामों में बड़े परिवर्तन से बच रही है। इसके साथ ही गरीब घरों के लिए चल रही सब्सिडी योजना इनकी affordability को और मजबूत बनाती है।
LPG सिलेंडर के दाम पर इन कारकों का प्रभाव
एलपीजी सिलेंडर के दामों में तेजी से बदलाव आने के पीछे कई कारण हैं। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, मुद्रा विनिमय दर की स्थिति, अंतरराष्ट्रीय राजनीति की जटिलताएं, और घरेलू मार्केट की मांग और आपूर्ति की स्थिति कीमतों पर गहरा प्रभाव डालती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक वैश्विक ऊर्जा बाजार स्थिर रहेगा, घरेलू और कमर्शियल सिलेंडरों के दामों में और अधिक उतार-चढ़ाव संभव है। सरकारी सब्सिडी और नीतिगत कदमों से उपभोक्ताओं को कुछ हद तक राहत मिलती रहती है, विशेष रूप से कम आय वाले परिवारों को।
निष्कर्ष
आज के समय में जब जीवन-यापन महंगा होता जा रहा है, LPG सिलेंडर की कीमतों में यह गिरावट छोटे व्यापारों और उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। साथ ही, सरकारी सब्सिडी योजनाएं गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की आर्थिक सहायता करती हैं और जीवन को आसान बनाती हैं।
इस दिशा में हुई सुधार और सरकार की पहल से घरेलू और व्यावसायिक दोनों सेक्टरों में गैस की उपलब्धता बढ़ेगी और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। भविष्य में भी सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसे कदम उठाए जाते रहेंगे।